THE ULTIMATE GUIDE TO SHRI SHIV CHALISA LYRICS

The Ultimate Guide To shri shiv chalisa lyrics

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नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

स्तवं यः प्रभाते नरः शूलपाणे पठेत् सर्वदा भर्गभावानुरक्तः ।

थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।

अर्थ: हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा उन पर बरसेगी।

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

शंकर हो संकट के नाशन । मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥

न कश्चित् पुत्रस्य वंचनं कर्तुम् इच्छति।

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

स पुत्रं धनं धान्यमित्रं कलत्रं विचित्रं समासाद्य मोक्षं प्रयाति ॥

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।

For those who go through Shiv Chalisa regularly Then you definately will surely see miracles in your life. May perhaps Lord Shiva bless both you and your relatives with all of the enjoy and joy. As we by now stated We have now here posted Shiv Chalisa in different languages to help you Verify it right here.

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥

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